Deepti Sharma, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। वह वर्तमान में महिला प्रीमियर लीग के दूसरे सीजन में यूपी वॉरियर्स के लिए खेल रही हैं। उन्होंने हाल ही में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है जब उन्होंने एक मैच में तीन विकेट लेकर हैट्रिक किया। दीप्ति इसे दिल्ली के खिलाफ खेले गए मैच में हासिल किया था। उनके शानदार प्रदर्शन के बाद, उनकी टीम ने मैच को एक रन से जीत लिया, लेकिन उनकी टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर हो गई।
दीप्ति शर्मा की कहानी वास्तव में युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। उनकी 26 साल की उम्र में ही वह व्यापक क्रिकेट क्षेत्र में अपना प्रदर्शन प्रकट कर रही हैं। उन्होंने डब्ल्यूपीएल के मौजूदा सीजन में 295 रन बनाए, जो कि सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है।
दीप्ति का सफर आगरा के मध्यमवर्गीय परिवार से शुरू हुआ, जहां से वे क्रिकेट की दुनिया में कदम रखने के लिए निकलीं। इसके बावजूद, उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और परिश्रम किया।
दीप्ति ने 2014 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पहला डेब्यू मैच खेला और तब से ही उनका क्रिकेट करियर उड़ता हुआ रहा है। उनके नाम पर चार टेस्ट, 86 वनडे और 104 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच शामिल हैं, जिसमें उन्होंने 3314 रन बनाए हैं। उन्होंने अपने खेल के दौरान 229 अंतरराष्ट्रीय विकेट भी हासिल किए हैं।
इससे अधिक, उनका सफर एक प्रेरणास्त्रोत बना है, जो युवाओं को संघर्षों से निराश न होकर अपने सपनों की पूर्ति के लिए लगन और मेहनत का महत्व सिखाता है।
Deepti Sharma के सफलता में उनके भाई Sumit का महत्वपूर्ण योगदान है। सुमित ने अपनी छोटी बहन की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें क्रिकेट में समर्थ बनाने में मदद की। दीप्ति ने साधारण नौ वर्ष की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था, और इस राह में उन्हें अपने पिता भगवान शर्मा और माँ सुशीला शर्मा का साथ भी मिला। उनके भाई सुमित भी एक उत्कृष्ट गेंदबाज रहे हैं, जो अंडर 19 और अंडर 23 लेवल पर उत्तर प्रदेश की टीम के लिए खेल चुके हैं।
दीप्ति की सफलता में उनके भाई सुमित का अहम योगदान न सिर्फ उनके प्रतिभा को पहचानने में बल्कि उनकी प्रेरणा और सहयोग में भी था। उनकी मेहनत, उत्साह, और परिश्रम ने उन्हें दुनिया भर में एक प्रमुख क्रिकेटर बनाया है और उन्हें भारत के नाम का गर्व महसूस कराता है। इस प्रकार, भाई से मिला समर्थन दीप्ति की कहानी को और भी रोचक और प्रेरणादायक बनाता है।
नवंबर 2014 में दिया गया फैसला सुमित शर्मा के जीवन में बड़ा मोड़ था। एक इंटरव्यू में सुमित ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनकी बहन दीप्ति को भारतीय महिला क्रिकेट टीम में स्थान मिल गया है, तो वे खुशी से झूम उठे थे। उन्होंने कहा, “उस दिन मेरा नौकरी छोड़ने का फैसला सही साबित हो गया।”
यह फैसला उनके और उनकी बहन के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाया। सुमित ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन सुबह और शाम अपनी बहन को मैदान पर अभ्यास के लिए ले जाते थे। इस निष्ठावानता के चलते, उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़ दिया। उन्होंने इस बड़े कदम को उनकी बहन की सफलता का हिस्सा बनाने के लिए किया, जो एक प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं।